PM Solar Charkha Yojana: ये योजना महिलाओं के लिए ख़ास है, हर दिन मिलते हैं चार हजार रुपये

PM Solar Charkha Yojana: ये योजना महिलाओं के लिए ख़ास है, हर दिन मिलते हैं चार हजार रुपये

सोलर चरखा Yojana, विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रहा है। महिलाएं इससे आर्थिक रूप से सक्षम होती हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में हुए कारोबार से इसका अनुमान लगाया जा सकता है।

सोलर चरखे से बने कपड़ों का पिछले साल वाराणसी मंडल में करीब 1.36 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। यह पहले 1.15 करोड़ रुपये का कारोबार था। सोलर चरखा और सोलर लूम ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (आरईसीएल) को सीएसआर फंड से मुफ्त में मिलते हैं।

एक महिला 35 किलो से अधिक धागे बनाती है

संभागीय कार्यालय ने बताया कि 1 अप्रैल से अगस्त 2022 तक 41 लाख के कपड़ों की बिक्री हुई है, और गांधी जयंती से जुड़े त्योहारों में सोलर कपड़ों की बिक्री लगभग तीन गुना होने की उम्मीद है। वाराणसी में 500 सोलर चरखे और 55 सोलर करघे मुफ्त में उपलब्ध हैं। वाराणसी मंडल में 141 खादी संस्थाएं खादी ग्रामोद्योग आयोग और खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड से वित्त पोषित हैं। केंद्रीय पूनी प्लांट, रायबरेली, कच्चा माल (पूनी) आयोग द्वारा संचालित है. इस प्लांट से संस्थाएं उत्पादों को खरीदती हैं।

धागे सोलर लूम में जाकर कपड़े बनाते हैं।

सोलर चरखे से एक महिला एक महीने में लगभग 30 से 35 किलो धागा बनाती है, जिससे वह 4500 से 5000 रुपये कमाती है। ये धागे सोलर लूम में चले जाते हैं और कपड़े का रूप लेते हैं।

बैटरी से भी चलेगा चरखा 

यांत्रिक चरखा 1500 आरपीएम की गति से चल सकता है, हाथ से चलने वाला चरखा 1500 आरपीएम की गति से चल सकता है, और सौर चरखा 12000 आरपीएम की गति से चल सकता है। सोलर चरखे में 32 स्पिंडल होते हैं, जबकि अंबर चरखे में 8 स्पिंडल होते हैं। 150 एम्पीयर सौर बैटरी को चार्ज कर चरखे में इस्तेमाल किया जाएगा। यह बैटरी लगभग सात घंटे तक चलती है, और यदि आप चरखा को अधिक समय तक चलाना चाहते हैं, तो एक अतिरिक्त बैटरी का उपयोग कर सकते हैं। चरखे का मूल्य लगभग एक लाख रुपये होगा।

PM Solar Charkha Yojana
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